पटना, ADITYA MISHRA:
बिहार में पूर्ण शराबबंदी है, यहां शराब पीने या उसके कारोबार करने या उसमे संलिप्त रहने वालों पर सरकारी तंत्र काफी सख्त है। लेकिन समय समय पर बिहार के अलग अलग क्षेत्रों में इस कानून की धज्जियां उड़ाते लोग नज़र आ ही जाते हैं।
होली जैसे त्योहार में बिहार में शराब का कारोबार अचानक बढ़ जाता है और शराबियों को कानून की धज्जियां उड़ाते इस दिन देखा जा सकता है। ऐसे में पूरी संभावना है कि इस बार भी होली के अवसर पर शराब के शौक़ीन लोग कानून की धज्जियां उड़ाते नजर आ सकते हैं।
इस दौरान न सिर्फ शराबी बल्कि शराब तस्कर भी अपने काले कारोबार को बढ़ाने के लिए कई प्रकार के हथकंडे अपना सकते हैं। ऐसे में होली पर शराबबंदी को सफल बनाना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती है।
होली के दौरान शराबबंदी कानून को पूर्ण सफल बनाने के लिए विभाग ने विशेष योजना पर काम करना शुरू कर दिया है। मुख्य सचिव आमिर सुबहानी 9 मार्च को अफसरों के साथ बैठक करेंगे। बैठक में वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी प्रमंडलीय आयुक्त, आइजी (IG), डीआइजी (DIG), जिलाधिकारी (DM), पुलिस अधीक्षक (SP), एसडीओ (SDO), डीएसपी (DSP) व मद्य निषेध अधीक्षक शामिल होंगे। गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव, डीजीपी सहित सभी एडीजी और नेपाल सीमा पर तैनात एसएसबी के आइजी भी बैठक में जुड़ेंगे।
बैठक में न सिर्फ शराबबंदी बल्कि होली के दौरान राज्य में कानून और विधि-व्यवस्था सहित अन्य मुद्दों पर भी चर्चा की जाएगी। बैठक में मद्य निषेध विभाग और बिहार पुलिस के अफसर डिजिटल माध्यम से समस्या पर चर्चा करेंगें और सुझाव देंगे। शराब के खिलाफ छापेमारी को लेकर ड्रोन के इस्तेमाल पर जिलों के अधिकारियों की प्रतिक्रिया भी ली जायेगी साथ ही होली के दौरान असामाजिक तत्वों पर नियंत्रण करने के लिए एंटी लिकर टास्क फोर्स (Anti-Liqor task Force) की कार्रवाई के साथ गश्ती बढ़ाने आदि पर रिपोर्ट मांगी जाएगी।
होली के दौरान शहरों और गांवों में किसी शांति व्यवस्था कायम बनाये रखने के लिए पुलिस बल को विशेष निर्देश दिया जा सकता है। खासकर शरारती तत्वों पर नजर रखने और उन पर कार्रवाई करने को लेकर पुलिस को खास निर्देश जारी हो सकता है।